मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मुंबई जोनल कार्यालय ने मीठी नदी डिसिल्टिंग घोटाले के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के संबंध में 31 जुलाई को मुंबई में आठ स्थानों पर अनुवर्ती तलाशी अभियान चलाया है। तलाशी अभियान में बीएमसी ठेकेदारों से जुड़े कार्यालय, आवासीय परिसर शामिल थे। इसमें मेसर्स एक्यूट डिजाइन्स, मेसर्स कैलाश कंस्ट्रक्शन कंपनी, मेसर्स निखिल कंस्ट्रक्शन कंपनी, मेसर्स एन ए कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स जेआरएस इंफ्रास्ट्रक्चर और बीएमसी इंजीनियर प्रशांत कृष्ण तायशेते से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई। वर्तमान तलाशी कार्रवाई के कारण कई बैंक खातों, एफडीआर, डीमैट खातों में 47 करोड़ रुपये से अधिक की राशि फ्रीज कर दी गई। इसके अलावा, तलाशी के दौरान कुछ डिजिटल उपकरण, विभिन्न अचल संपत्तियों से संबंधित रिकॉर्ड और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

ईडी ने बॉम्बे नगर निगम (बीएमसी) को 65 करोड़ रुपये से अधिक का गलत नुकसान पहुंचाने के आरोप में उपरोक्त व्यक्तियों, संस्थाओं सहित 13 के खिलाफ आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत मुंबई के आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में दिनांक 6 मई को दर्ज एफआईआर संख्या 0075/2025 के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच और तलाशी अभियान के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्य प्रथम दृष्टया उपरोक्त ठेकेदारों द्वारा एसडब्ल्यूडी विभाग, बीएमसी और अन्य के अधिकारियों की मिलीभगत से मीठी नदी से गाद निकालने से संबंधित कार्यों में विभिन्न अनियमितताओं का संकेत देते हैं।

जांच के दौरान यह पता चला है कि उपरोक्त बीएमसी ठेकेदारों ने कथित तौर पर गाद डंपिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जमीनों के लिए भूमि मालिकों से एमओयू और संबंधित ग्राम पंचायतों से एनओसी सहित कई झूठे दस्तावेज जमा किए थे। जांच से यह भी पता चला है कि बीएमसी अधिकारियों ने 2021-2022 में मीठी नदी से गाद निकालने के लिए निविदाओं में शामिल सिल्ट पुशर और बहुउद्देशीय उभयचर पोंटून मशीनों की खरीद और उपयोग में वित्तीय लाभ के लिए अपने पदों का दुरुपयोग किया है। इससे पहले, ईडी ने इस मामले में 06.06.2025 को 18 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था। इस मामले में जब्त/जमा की गई अपराध आय (पीओसी) का कुल मूल्य अब लगभग 49.8 करोड़ रुपये है। केस में आगे की जांच जारी है।