ईरान के खिलाफ अमेरिका के सीधा सैन्य हस्तक्षेप से दुनिया में तनाव का नया अध्याय शुरू हो गया है. रूस की संसद (फेडरेशन काउंसिल) की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के उपाध्यक्ष आंद्रेई क्लिमोव ने कहा है कि अमेरिका की यह कार्रवाई एक चेन रिएक्शन की तरह काम करेगी, जिससे कई देश अपने परमाणु और हाइपरसोनिक मिसाइल प्रोग्राम शुरू कर सकते हैं.

रूसी सांसद ने कहा कि अमेरिका का ईरान पर सीधा हमला और वह भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया गया हस्तक्षेप, वैश्विक तनाव की सीढ़ी पर एक और पायदान चढ़ने जैसा है. अब कई देश सोचने लगेंगे कि क्या उन्हें भी अपने परमाणु हथियार और हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित करने चाहिए. उन्होंने कहा कि भविष्य में दुनिया को स्थिर करने के लिए ‘कोलॉसल’ यानी भारी प्रयासों की जरूरत पड़ेगी.

ट्रंप की ईरान पर बड़ी कार्रवाई
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला करवाया. ये वे जगहें हैं, जहां ईरान के सबसे महत्वपूर्ण परमाणु कार्यक्रम चलते थे. इस हमले का मकसद ईरान की न्यूक्लियर कैपेसिटी को खत्म करना है. ट्रंप ने यह भी कहा है कि यदि ईरान ने पलटवार किया तो और हमले किए जाएंगे.

अमेरिकी स्ट्राइक पर बरसा रूस
रूसी सांसद की चेतावनी ऐसे समय पर आई है जब दुनिया पहले से ही ईरान-इजराइल संघर्ष और अमेरिका की इस युद्ध में एंट्री को लेकर चिंतित है. कई देश अब यह मान सकते हैं कि बिना न्यूक्लियर ताकत के वे खुद को सुरक्षित नहीं रख सकते. इससे एक नई परमाणु होड़ की शुरुआत हो सकती है, जो वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा बन सकती है.