कीव: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि हाल के आदान-प्रदान में रूस ने अपने 20 सैनिकों के शव यूक्रेन भेज दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह इस बात का संकेत है कि रूस बड़ी संख्या में घायल और मृत सैनिकों का प्रबंधन ठीक ढंग से नहीं कर पा रहा है। जेलेंस्की ने बताया कि इन शवों में एक इस्राइली नागरिक का भी शव था। हालांकि, अधिकारियों ने मृतकों की पहचान सार्वजनिक नहीं की है। उन्होंने कहा, रूस अपने सैनिकों के शव हमारे पास फेंक रहा है। कभी-कभी इन शवों के पास उनके पासपोर्ट भी पाए जाते हैं। रूस कह रहा था कि ये सारे शव यूक्रेनी सैनिकों के हैं, लेकिन जिन शवों के पास पासपोर्ट मिले, उनमें से कुछ मॉस्को इलाके के रहने वाले थे।

जेलेंस्की ने यह भी कहा कि इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता के बाद से अब तक केवल घायल और मृत सैनिकों के शवों का ही आदान-प्रदान हुआ है। उन्होंने बताया कि जून में दूसरे दौर की वार्ता में दोनों देश 6000–6000 सैनिकों के शव और घायल सैनिक एक-दूसरे को सौंपने पर सहमत हुए थे। लेकिन यूक्रेन को चिंता है कि इतनी बड़ी संख्या के बीच सही पहचान करना मुश्किल होगा।

उन्होंने कहा कि रूस केवल दिखावा कर रहा है कि वह शांति चाहता है। उसकी मंशा वास्तव में बातचीत को लंबा खींचकर अमेरिका और दूसरे देशों की नाराजगी से बचना हो सकता है। पुतिन अभी भी यह मानते हैं कि यह युद्ध रूस जीत रहा है। इस्तांबुल में वार्ता आगे बढ़ाई जाए या नहीं, यह अब यूक्रेन के लिए एक मुश्किल सवाल बन गया है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि पश्चिम एशिया के हालात का असर यूक्रेन पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन यह नहीं चाहता कि ईरान के पास परमाणु हथियार हों, क्योंकि ईरान रूस का सहयोगी है। साथ ही ईरान से मिलने वाले हथियार रूस यूक्रेन पर हमले में उपयोग कर रहा है। ईरान के साथ रूस की साझेदारी उत्तर कोरिया से भी मजबूत हो गई है।

रूस ने ईरान के शाहेद ड्रोन का इस्तेमाल यूक्रेन पर करना शुरू कर दिया है। यूक्रेन अब अपने बनाए ‘इंटरसेप्टर’ मिसाइलों का उपयोग करके इन ड्रोन को मार गिरा रहा है। जेलेंस्की ने कहा कि रूस की 39 कंपनियां ‘ओरेश्निक’ बैलिस्टिक मिसाइल बना रही हैं, जिनमें से 21 पर अभी कोई प्रतिबंध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है। जल्द ही इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। उन्होंने यूरोप से अपील की कि जर्मनी सहित दूसरे देशों को अपनी जीडीपी का एक चौथाई हिस्सा यूक्रेन के स्थानीय रक्षा उद्योग को देने पर विचार करना चाहिए, ताकि वे अपने हथियारों का निर्माण खुद कर सकें।