कर्ज में डूबे पाकिस्तान को एक बार फिर करारा झटका लगा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने पाकिस्तान को कर्ज देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. पाकिस्तान इन दिनों बुरे हालातों से गुजर रहा है.
उसकी ब्याज दर बहुत ज्यादा है. उसे एक बड़ी उम्मीद IMF से थी, लेकिन आईएमएफ ने भी उसे झटका दे दिया है. उधर, वहां महंगाई भी चरम पर है आटे की कमी, पेट्रोल के आसमान छूते भाव, बिजली की किल्लत और अंधकार में डूबे देश की हालत लंबे समय तक ऐसे ही चलती रही, तो आगे जाकर जिन्ना का यह देश बिखर भी सकता है.
पाकिस्तानी 75 साल में 23 बार IMF के आगे हाथ फैला चुका है. मगर, IMF ने उसकी मांग को ख़ारिज कर दिया है. आमतौर पर देश आईएमएफ के पास तब जाता है जब उसका विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त हो गया हो. विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग आयात के भुगतान के लिए और विदेशों से उधार लिए गए धन का भुगतान करने के लिए किया जाता है.