नए कर स्लैब को आकर्षक बनाने के लिए सरकार 2023-24 के बजट में दरों में संशोधन कर सकती है। मामले से जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि इस पर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को लेना है।
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि जब नई आयकर व्यवस्था लाई गई थी, उसमें छूट देने की कोई योजना नहीं थी। नई आयकर व्यवस्था में छूट और कर कटौती की अनुमति दी जाती है तो यह उसे जटिल बना देगी। सरकार ने 2020 के बजट में वैकल्पिक तौर पर नई कर व्यवस्था पेश की थी।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा, ज्यादा खर्च के लिए कर छूट में वृद्धि, व्यापार की लागत घटाने और छोटे उद्योगों को सस्ता कर्ज देने की जरूरत है। खुद के घर की खरीद पर कर छूट को बढ़ाकर 5 लाख करने की भी मांग की।
फेडरेशन ऑफ रिटेलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव विनय कुमार ने तस्करी और नकली उत्पादों की ज्यादा मांग का मुकाबला करने के लिए दैनिक उपयोग के सामान पर कर कटौती की मांग की।