पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन काफी ज्यादा प्रदूषण करते हैं।अभी ये काफी कम है लेकिन भविष्य में वैकल्पिक ईंधन का उपयोग काफी ज्यादा हो जाएगा। इसी क्रम में भारत की सरकार भी काम कर रही है। भारत की ओर से इस दिशा में क्या तैयारी की जा रही है, आइए जानते हैं।
भारत की सरकार वाहनों से होने वाले प्रदूषण को लेकर चिंतित है। इसी क्रम में सरकार इलेक्ट्रिक, ईथेनॉल और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के कई अधिकारी दक्षिण एशियाई देशों की सरकारों के साथ ग्रीन हाइड्रोजन के निर्यात के लिए बातचीत कर रहे हैं।
पानी को इलेक्ट्रोलेसिस के जरिए ऑक्सीजन और हाइड्रोजन में बदलने में काफी ज्यादा बिजली की खपत होती है। इसे तैयार करने के लिए सोलर और विंड एनर्जी से मिलने वाली बिजली से तैयार किया जाता है। जिसके कारण किसी भी तरह से कार्बन उत्सर्जन नहीं होता।