फिल्मों और गानों में संगीत का बहुत महत्व है। किसी भी फिल्म में अगर कोई गंभीर या हंसने वाला सीन आता है तो बैकग्राउंड म्यूजिक उस सीन को और अच्छा बनाने में अहम रोल अदा करता है। इसी तरह से गानों के बारे में है। किसी भी गाने को मधुर या सुनने लायक बनाने में संगीत का बड़ा हाथ होता है। बॉलीवुड में कई कलाकार ऐसे हुए हैं जो फिल्मों को और गानों को संगीत देते हैं। इन कलाकारों में आनंद-मिलिंद का नाम भी आता है। दोनों ने मिलकर कई फिल्मों को बेहतरीन संगीत दिया है। आनंद श्रीवास्तव और मिलिंद श्रीवास्तव दोनों भाई हैं। आनंद श्रीवास्तव के छोटे भाई मिलिंद श्रीवास्तव का आज 31 मई को जन्मदिन है। इस मौके पर आइए दोनों भाईयों के काम के बारे में जानते हैं।
दोनों भाइयों ने पिता से सीखा संगीत
हिंदी फिल्मों में संगीत देने के लिए शहूर आनंद श्रीवास्तव और मिलिंद श्रीवास्तव के पिता चित्रगुप्त मशहूर संगीतकार थे। आनंद और मिलिंद दोनों भाई शुरूआती दिनों में लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के सहायक रहे। इसके अलावा दोनों भाइयों ने अपने पिता के साथ भी कई भोजपुरी और हिंदी फिल्मों में संगीत दिया। इसके बाद दोनों ने खुद बॉलीवुड का रुख किया।
पहली ही फिल्म के लिए मिला अवॉर्ड
आनंद-मिलिंद दोनों भाइयों ने एक साथ म्यूजिक सीखा और एक साथ फिल्मों में काम किया। दोनों ने सबसे पहले फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ (1988) में म्यूजिक दिया। फिल्म काफी कामयाब रही। बॉलीवुड के अभिनेता आमिर खान ने इसी फिल्म से अपने करियर की शुरूआत की थी। फिल्म का गाना ‘पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा’ बहुत मशहूर हुआ। फिल्म में बेहतरीन म्यूजिक देने के लिए आनंद-मिलिंद को पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया।
90 के दशक के गानों में दिया म्यूजिक
आनंद-मिलिंद की जोड़ी ने 90 के दशक में कई बेहतरीन फिल्मों और गानों में म्यूजिक दिया। माधुरी दीक्षित और शाहरुख खान की फिल्म ‘अंजाम’ (1994) को आनंद-मिलिंद ने म्यूजिक दी। इस फिल्म का गाना ‘बड़ी मुश्किल है खोया मेरा दिल है’ बहुत मशहूर हुआ। इसी तरह से गोविंदा की ‘छोटे सरकार’ (1996) को भी आनंद-मिलिंद ने म्यूजिक दी। फिल्म का गाना ‘एक चुम्मा तू मुझको उधार दे दे’ बहुत मशहूर हुआ। इसके अलावा ‘दिल दीवाना कहता है कि प्यार कर’, ‘मौसम की तरह तुम भी बदल तो न जाओगे’ और ‘सरकाइलो खटिया’ जैसे गाने काफी मशहूर हुए।