फिल्म ‘होमबाउंड’ के सिनेमेटोग्राफर प्रतीक शाह के ऊपर यौन दुर्व्यवहार के इल्जाम लगे हैं। इस पर फिल्म निर्माता हंसल मेहता की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक नोट लिखा है, जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि ऐसे लोगों के खिलाफ चुप्पी तोड़ी जानी चाहिए।

चुप्पी में पनपता है दुर्व्यवहार
हंसल मेहता ने लिखा ‘दुर्व्यवहार चुप्पी में पनपता है। यह डर में पनपता है। सत्ता के पदों पर बैठे लोगों द्वारा किए गए हिंसक व्यवहार की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए। अगर यह सच पाया जाता है तो बिना किसी देरी के इसे उजागर किया जाना चाहिए। लंबे वक्त से शिकारियों ने पीड़ितों को चुप कराने के लिए प्रभाव, विशेषाधिकार और डर को हथियार बनाया है। इस चुप्पी को तोड़ा जाना चाहिए।’

यौन उत्पीड़न की तरह है हर उत्पीड़न
हंसल मेहता के मुताबिक सत्ता का दुरुपयोग एक खास लिंग तक सीमित नहीं है। उन्होंने लिखा ‘अधिकार के पदों पर बैठी महिलाओं ने भी नुकसान पहुंचाया है। दुर्व्यवहार के कई रूप हैं। यह हमेशा यौन नहीं है। मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक दुर्व्यवहार भी उतना ही दर्दनाक हो सकता है। उतना ही उल्लंघनकारी भी हो सकता है।’

जवाबदेही संस्कृति को बढ़ावा देना है
हंसल मेहता ने मांग की कि ‘कार्यस्थल- खास तौर पर रचनात्मक कार्यस्थल अकसर जहर को छुपाते हैं। इसे रोकना होगा। कोई भी कला, कोई भी फिल्म, कोई भी स्क्रिप्ट किसी की सुरक्षा या मानसिक संतुलन की कीमत पर नहीं है। पीड़ितों को आवाज की जरूरत है। उन्हें एक ऐसी व्यवस्था की जरूरत है जो सुनती है और काम करती है। जवाबदेही संस्कृति को रद्द नहीं करना है। इसे और सुधारना है।