लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मिश्रा को सशर्त 8 हफ्तों के लिए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आशीष मिश्रा या उसके परिवार ने अगर मामले से जुड़े गवाहों को प्रभावित करने या फिर ट्रायल में देरी करने की कोशिश की तो आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत देते हुए यह शर्त भी लगाई है कि वह दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश में नहीं रहेगा। जमानत मिलने के बाद एक हफ्ते बाद आशीष मिश्रा को उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा।
सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि उनका मुवक्किल बीते एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है और जिस तरह से ट्रायल चल रहा है, उस तरह इसे पूरा होने में 7-8 साल का समय लगेगा। रोहतगी ने ये भी कहा था कि उनका मुवक्किल अपराधी नहीं है और ना ही उसका आपराधिक इतिहास है।
बता दें कि तीन अक्टूबर 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में किसान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध करते हुए प्रदर्शन कर रहे थे। हिंसा के दौरान एक पत्रकार की मौत समेत इस मामले में कुल आठ लोगों की जान गई थी। आशीष मिश्रा इस मामले में मुख्य आरोपी है।
हाईकोर्ट ने फिर से मामले पर सुनवाई की और आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इस पर आशीष मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जहां से अब आशीष मिश्रा को आठ हफ्ते की सशर्त जमानत मिल गई है। नितिन गौतम