Thursday, November 14, 2024 at 9:42 PM

अवसाद के लक्षण और कारण, जानिए प्राणायाम और मंत्रों के जाप से कैसे पा सकते हैं तनाव से मुक्ति

अवसाद (डिप्रेशन) एक मानसिक रोग है। इसमें मन, विचार, भावनाएं अस्थिर अधोगामी (नीचे की तरफ) हो जाती है। इस बीमारी में मानसिक और भावनात्मक ऊर्जा का अभाव होने की वजह से व्यक्ति की काम करने की शक्ति और क्रियाशीलता में कमी आ जाती है। अवसाद में दुःख, निराशा, उदासी, अशांति, थकान और अरूचि का होना स्वाभाविक बात है। निराशा और हताशा अकारण ही मन में चुभती जाती है, जिससे व्यक्ति दुखी और लाचार रहता है। असफलता किसी भी व्यक्ति को निराश और परेशान करती रहती है। लगातार मिलने वाली असफलताओं से व्यक्ति में तनाव, तनाव से चिंता (एंग्जायटी), चिंता से अवसाद होता है। आज हम बताएंगे अवसाद के लक्षण, प्रमुख कारण और प्राणायाम, मंत्रों का जाप, षट्कर्म और शंख प्रक्षालन की प्रक्रिया अपनाकर अवसाद में कैसे मुक्ति पा सकते हैं?

अवसाद के मुख्य लक्षण

अवसाद के शारीरिक (शरीरगत) लक्षण

नींद का स्थिर न होना बल्कि अनियंत्रित नींद का होना।
कभी ज्यादा भूख लगना या कभी नही लगना, इसे अनियंत्रित भूख का लगना कह सकते है।
अवसाद की स्थिति में व्यक्ति को योन के प्रति रूचि का कम हो जाना।

अवसाद के मानसिक लक्षण

  • अवसादवादी व्यक्तियों में आत्मविश्वास और आत्मसम्मान की कमी देखने को मिलती है।
  • अवसादवादी व्यक्तियों में निराशावादी दृष्टिकोण देखने को मिलता है।
  • ऐसे व्यक्तियों का मन बहुत चलायमान रहता है। एक तरफ या किस एक चीज पर कभी फोकस नही रहता है, उनमें बहुत एकाग्रता की कमी पायी जाती है।
  • अवसादवादी व्यक्तियों में प्रेरण की कमी का अभाव पाया जाता है।
  • अवसादवादी व्यक्तियों में आत्महत्या के विचार सबसे ज्यादा पाया जाता है।

अवसाद होने के अनुवांशिक कारण

जननिक रूप से अपने पूर्वजों और माता-पिता के माध्यम से बच्चों में पहुंचना। ऐसे बच्चों को अवसादग्रस्त होने की संभावना अधिक रहती है।

अवसाद होने के न्यूरोट्रांसमिशन कारण

डिप्रेशन में न्यूरोट्रांसमिशन रसायन मुख्य भूमिका निभाते हैं। न्यूरोट्रांसमिशन मस्तिष्क में पाए जाने वाले ऐसे रसायन हैं, जो दो न्यूरॉन्स के बीच में पाए जाते हैं। सूचनाओं के संचारण (फैलाने) के लिए उपयोगी होते हैं। सेरोटोनिन और नॉर एपिनेफ्रीन डिप्रेशन के लिए उत्तरदायी 2 न्यूरोट्रांसमीटर हैं। लयबद्धता के साथ शरीर और मस्तिष्क में इनकी उपस्थिति होती है। जब इन रसायन की कमी होती है तो डिप्रेशन पैदा होता है।

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