नई दिल्ली:  विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक के बाद मंगलवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संसद में विपक्ष की आवाज की महत्वपूर्ण है। राउत ने बताया, ‘हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, उस पर 16 सियासी दलो के हस्ताक्षर हैं। यह कोई सामान्य पत्र नहीं है। विपक्ष जनता की आवाज है। हम चाहते हैं कि देश में अब तक जो कुछ भी हुआ है, उस पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया जाए।’

राउत ने सरकार से सवाल किया कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुझाव पर संघर्ष विराम हो सकता है, तो विपक्ष की बार-बार की मांग के बावजूद संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया जा सकता? क्या अब हमें भी विशेष सत्र के लिए ट्रंप से ही अनुरोध करना पड़ेगा?

जब उनसे पूछा गया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) का नाम उस पत्र पर क्यों नहीं है, तो उन्होंने कहा कि शरद पवार हमारे साथ हैं। सुप्रिया सुले इस वक्त एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बाहर गई हैं। जब मैं मुंबई लौटूंगा, तो शरद पवार से इस विषय पर बात करूंगा।

विपक्षी इंडिया गठबंधन के 16 दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, जिसमें पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप की घोषणा पर चर्चा की मांग की गई है। इससे एक दिन पहले पत्रकारों से बाचतीत करते हुए कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सशस्त्र बलों को धन्यवाद देने के लिए एक विशेष सत्र बुलाने और आतंकवाद को समाप्त करने की रणनीति पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी।

हुड्डा ने कहा, विपक्षी गठबंधन इंडिया के 16 राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। पहलगाम आतंकवादी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान सभी विपक्ष दल अपने सशस्त्र बलों और भारत सरकार के समर्थ में खड़े थे। जब अमेरिका ने संघर्ष विराम की घोषणा की तो हमने मांग की कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए, ताकि सभी दल हमारे सशसत्र बलों को धन्यवाद दे सकें।