सहारनपुर जिले के दारुल उलूम में आयोजित राब्ता ए मदारिस के इजलास में मदरसों को किसी भी बोर्ड से संबद्ध किए जाने का विरोध करने का दो टूक एलान किया।रविवार को सुबह सम्मेलन का आगाज हुआ। मदरसों के संचालन में आने वाली समस्याओं और शिक्षा की बेहतरी पर मंथन किया जा रहा है।
मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को ओर अधिक बेहतर बनाने, दीनी इदारों को साजिशों से बचाने और पाठ्यक्रम में मामूली रूप से फेरबदल करने के उद्देश्य से वर्ष 1995 में दारुल उलूम द्वारा स्थापित कुलहिंद राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया का राष्ट्रीय सम्मेलन एशिया की प्रसिद्ध मस्जिद रशीदिया में आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए सभी तैयारियों पूरी कर ली गई थीं।मदरसों के स्थापना का मकसद ही देश की आजादी थी। उन्होंने कहा कि मदरसों के लोगों ने ही देश को आजाद कराया जो अपने देश से बेपनाह मोहब्बत करते हैं।
दुख की बात है आज मदरसों के ऊपर ही प्रश्नचिन्ह लगाए जा रहे हैं, और मदरसे वालों को आतंकवाद से जोड़ने के निंदनीय प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही अलग अलग राज्यों से आने वाले लोगों के बारे में पूरी जानकारी रहे। इसके लिए राज्यवार काउंटर लगाए गए हैं। जिन पर पहुंचकर लोग एंट्री करा रहे हैं। इसके अलावा कार्यक्रम स्थल के आसपास ही कई जगहों पर मेहमानों के रुकने की व्यवस्था की गई है।