आजकल नींद न आने की समस्या से कई लोग जूझते नजर आते हैं। बिना लाइफ स्टाइल में सुधार के वो नींद की गोलियां लेना शुरू कर देते हैं। अगर आपको भी प्रत्येक दिन काम करने के बाद भी नींद की गोली लेनी पड़ती है तो यह आपके लिए बहुत ज्यादा नुक्सान दायक हो सकता है। कभी-कभार नींद की गोलियों का सेवन बहुत ज्यादा लाभदायक भी हो सकता है। वो भी तब जब आपके डॉक्टर ने इसे लेने की सलाह दी हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये गोलियां कितनी अधिक सुरक्षित है ?
आप अपने मन से कभी भी इन दवाईयों का सेवन न करें, बल्कि अपने डॉक्टर से सलाह ले लें। हाल ही में एक शोध के द्वारा पता चला है कि जिन दवाईयों में नॉनबेंजोडिजेपाइन पाया जाता है उनका साइड इफेक्ट प्रोफाइल सेफ होता है। डॉक्टर जिन दवाईयों के सेवन की सलाह देते हैं वो आपको रिलैक्स कर देती हैं और आपको खतरे व साइडइफेक्ट से बचाती हैं।
दवाई लेने से पहले आप डॉक्टर से पूछ भी सकते हैं कि आपको इसे कितने समय तक लेना होगा और कितनी मात्रा में। डॉक्टर जब भी इन दवाईयों को देते हैं तो वो उन्हें एक क्रम से देते हैं ताकि आपको उनकी आदत न पड़े और उनका दुष्प्रभाव भी आप पर न हों। लेकिन आपको इन दवाईयों को लेने के अलावा, खुद को सही रखने के लिए वर्कआउट करना चाहिए और कैफीन के सेवन से बचने के लिए चाय या कॉफी को कम पीना चाहिए।
नींद की गोलियों के दुष्प्रभाव
हमेशा स्लीपिंग पिल्स लेने से पहले अपने डॉक्टर से संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में पूछें। प्रकार के आधार पर, नींद की गोलियों में साइड इफेक्ट्स निम्नलिखित हो सकते हैं
-चक्कर आना या कमजोरी महसूस करना
-सिरदर्द
-गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जठरांत्र) संबंधी समस्याएं, जैसे कि दस्त और मतली
-लंबे समय तक सुस्ती, दवाइयों के कारण आप सोते रहते हैं
-एलर्जी रिएक्शन
-याददाश्त की समस्याएं