भुवनेश्वर: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने ओडिशा के केआईआईटी विश्वविद्यालय में एक नेपाली छात्रा की मौत की मौके पर जाकर जांच करने का आदेश दिया है और अपने अधिकारियों से 10 मार्च तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। एनएचआरसी ने यह आदेश एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि 20 वर्षीय छात्रा ने 16 फरवरी को अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या करके मौत हो गई थी। आयोग ने कहा कि जांच मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार होनी चाहिए।

10 मार्च तक आयोग को सौंपी जाए रिपोर्ट- NHRC
आयोग के आदेश में कहा गया है, ‘मामले की गंभीरता को देखते हुए, आयोग रजिस्ट्रार (कानून) को केआईआईटी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर में जांच के लिए आगे बढ़ने का निर्देश देता है, ताकि जांच प्रभाग के दो अधिकारियों, जिनमें से एक एसएसपी के पद से नीचे का न हो और एक अधिकारी/कर्मचारी विधि प्रभाग से हो, की एक टीम के साथ मौके पर जाकर जांच की जाए और 10 मार्च, 2025 तक आयोग को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी जाए।’

शिकायतकर्ता ने क्या-क्या लगाए आरोप?
शिकायतकर्ता आशुतोष बी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) विश्वविद्यालय में नेपाली छात्रा को उसके पूर्व प्रेमी की तरफ से उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था और विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध कार्यालय (आईआरओ) ने उसकी शिकायतों की अनदेखी की, जिसके कारण उसने दुखद आत्महत्या कर ली। शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया कि घटना में न्याय की मांग करने वाले नेपाली छात्रों के विरोध प्रदर्शन का सामना केआईआईटी अधिकारियों और सुरक्षा गार्डों की तरफ से मौखिक दुर्व्यवहार, धमकियों और शारीरिक हमले के साथ किया गया। याचिकाकर्ता ने आयोग से संस्थापक अच्युत सामंत सहित केआईआईटी अधिकारियों के खिलाफ ‘उत्पीड़न की शिकायतों को दूर करने में विफलता और आदिवासी छात्रों के शोषण में उनकी संलिप्तता’ के लिए कार्रवाई करने का भी आग्रह किया।