नई दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट की तरफ से लगाए गए एक लाख रुपये के जुर्माने को चुनौती दी गई थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने यह राशि घटाकर ₹50,000 कर दी। न्यायमूर्ति एम एम सुंद्रेश और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने केंद्र सरकार की उस अपील पर यह आदेश दिया जिसमें हाईकोर्ट के 16 जून, 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने क्यों लगाया था जुर्माना?
हाईकोर्ट ने यह जुर्माना इसलिए लगाया था क्योंकि एनसीबी ने एक मामले में बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ अपील करने में देरी की थी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि यह राशि एक सप्ताह के भीतर पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, कोलकाता को दी जाए। इसके साथ ही, हाईकोर्ट ने कहा था कि यह रकम एनसीबी के उन अधिकारियों से वसूली जाए जो अपील तैयार करने और दायर करने की प्रक्रिया में शामिल थे।

‘NCB या सरकार की तरफ से जमा की जाएगी’
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि अब यह राशि एनसीबी यानी सरकार की तरफ से जमा की जाएगी, न कि व्यक्तिगत अधिकारियों से। पीठ ने केंद्र सरकार के वकील से कहा, ‘या तो आपके वकील की गलती है या आपके अधिकारी की। इनमें से एक तो जरूर जिम्मेदार है।’ इस सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि ऐसे मामलों में अपील दायर करने में देरी कई बार होती है और यह चिंताजनक है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस पर कुछ मार्गदर्शन देने का आग्रह किया।