Saturday, September 21, 2024 at 3:03 AM

‘मनरेगा’ को सख्त बनाने की तैयारी में लगी सरकार, लाभार्थी और बिचौलियों के बीच में दिखी साठगांठ

गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) को सख्त बनाने की तैयारी कर रही है। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि मनरेगा में पिछले दो साल में कई गड़बड़ियां देखने को मिली हैं।

केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए मनरेगा के तहत 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान (आरई) में दिए गए 98,000 करोड़ रुपये से 25 फीसदी कम है। 2022-23 के लिए आवंटन चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान (बीई) के बराबर है।

उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण सीधे व्यक्ति तक धन पहुंचाने में सफल रहा है। फिर भी ऐसे बिचौलिये हैं, जो लोगों से कह रहे हैं कि मैं आपका नाम मनरेगा सूची में डाल दूंगा।

अधिकारीका कहना है कि लाभार्थी और बिचौलियों के बीच यह साठगांठ है। लाभार्थी बिचौलिये को कुछ हिस्सा दे रहा है, इसलिए वह काम पर भी नहीं जाएगा और इसलिए कोई काम नहीं हो रहा है। सरकार पिछले दो साल में मनरेगा कोष आवंटित करने में बहुत उदार रही है।

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