भारत के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन की अध्यक्षता में पुरस्कार के लिए अंतरराष्ट्रीय निर्णायक मंडल ने शुक्रवार को घोषणा की कि 2024 के लिए शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार चिली की पूर्व राष्ट्रपति और प्रमुख मानवाधिकार आवाज मिशेल बाचेलेट को प्रदान किया जाएगा।
‘शांति-समानता के लिए दुनिया की सबसे प्रमुख आवाजों में से एक’
वहीं इस मामले में इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘राष्ट्रपति मिशेल बेचेलेट मानवाधिकार, शांति और समानता के लिए दुनिया की सबसे प्रमुख आवाजों में से एक हैं। संयुक्त राष्ट्र महिला की संस्थापक निदेशक, मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त और चिली की राष्ट्रपति के रूप में अपनी कई भूमिकाओं में, उन्होंने देश और दुनिया भर में लैंगिक समानता और आबादी के सबसे कमज़ोर वर्गों के अधिकारों के लिए दृढ़ता से आवाज़ उठाई है।
‘चिली के साथ भारत के संबंधों में उनका खास योगदान’
ट्रस्ट के बयान में आगे कहा गया है कि, शांति और हाशिए पर पड़े लोगों के अधिकारों के लिए खड़े होने में उनका व्यक्तिगत साहस और उदाहरण दुनिया भर के पुरुषों और महिलाओं को प्रेरित करता है। बयान में कहा गया है कि इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार बेचेलेट को दुनिया भर की महिलाओं और पुरुषों के लिए उदाहरण और प्रेरणा के रूप में दिया जाता है, क्योंकि वे कठिन परिस्थितियों में शांति, लैंगिक समानता, मानवाधिकार, लोकतंत्र और विकास के लिए लगातार प्रयास करती हैं और चिली के साथ भारत के संबंधों में उनके योगदान के लिए दिया जाता है।
मिशेल बेचेलेट को जानें
वेरोनिका मिशेल बेचेलेट जेरिया का जन्म 29 सितंबर 1951 में हुआ था। बेचेलेट के पिता चिली की वायु सेना में जनरल थे और उनकी मां पुरातत्वविद् थीं। वे चिली गणराज्य की पहली महिला राष्ट्रपति पद पर रह चुकी हैं। उन्होंने दो बार (2006-10 और 2014-18) चिली गणराज्य के राष्ट्रपति के रूप में पद संभाला है।