अहमदाबाद: पिछले सप्ताह अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद से लापता बताए जा रहे फिल्म निर्माता महेश जीरावाला की मौत की पुष्टि हो गई है। उन्होंने 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे के दौरान अपनी जान गंवा दी। इसकी पुष्टि डीएनए मिलान से हुई। एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को बताया कि 34 वर्षीय महेश जीरावाला अपने दोपहिया वाहन से उस क्षेत्र से गुजर रहे थे, जब लंदन जाने वाला विमान शहर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद अहमदाबाद के मेघानीनगर स्थित एक छात्रावास परिसर में जा गिरा। उनके पार्थिव शरीर को उनके परिवार को सौंप दिया गया है।

सेक्टर-2 के संयुक्त पुलिस आयुक्त जयपालसिंह राठौर ने बताया कि डीएनए परीक्षण से पुष्टि हुई है कि जीरावाला की विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, लेकिन उनका परिवार इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहा था, इसलिए पुलिस ने उनके जले हुए स्कूटर, सीसीटीवी फुटेज जैसे अन्य साक्ष्य एकत्र किए। उन्होंने आगे कहा कि डीएनए परीक्षण से उनकी पहचान की पुष्टि होने के बाद जीरावाला के परिवार ने शुक्रवार को उनका शव ले लिया। आग में नष्ट हो चुके उनके स्कूटर को भी दुर्घटनास्थल के पास से बरामद किया गया। चेसिस और इंजन नंबर भी स्कूटर के पंजीकरण दस्तावेजों से मेल खाते थे।

सीसीटीवी फुटेज समेत तमाम सबूतों के बाद पुष्टि
अधिकारी ने बताया कि उनके परिवार के संदेह को दूर करने के लिए हमने उस क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए, ताकि यह साबित किया जा सके कि वह वास्तव में कुछ समय के लिए उस मार्ग का उपयोग कर रहे थे। उनकी अंतिम मोबाइल लोकेशन दुर्घटनास्थल के पास ही पाई गई थी। चूंकि कई शव इत कदर जल गए थे कि उनकी पहचान कर पाना मुश्किल था, इसलिए पीड़ितों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण कराया जा रहा है। दुर्घटना के तुरंत बाद अहमदाबाद के नरोदा इलाके में रहने वाले जीरावाला का मोबाइल फोन बंद हो गया।

फिल्म निर्माता और संगीत निर्देशक थे
उनकी पत्नी हेतल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनके पति को महेश कलावड़िया के नाम से भी जाना जाता था। वह एक फिल्म निर्माता थे और संगीत एल्बम का निर्देशन करते थे। विमान दुर्घटना वाले दिन जीरावाला लॉ गार्डन इलाके में किसी से मिलने गए थे। दोपहर 1.14 बजे उन्होंने अपनी पत्नी को फोन किया और बताया कि उनकी मीटिंग खत्म हो गई है और वह घर आ रहे हैं। हालांकि, जब वह वापस नहीं लौटे तो उन्होंने उनके नंबर पर कॉल किया, लेकिन वह बंद मिला।

मोबाइल फोन की आखिरी लोकेशन दुर्घटनास्थल से 700 मीटर दूर
पुलिस को सूचित किए जाने के बाद उनकी जांच में पाया गया कि उनके मोबाइल फोन की आखिरी लोकेशन के अनुसार वह दुर्घटनास्थल से 700 मीटर दूर थे। हेतल ने पहले कहा था कि उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि उनके पति उस रास्ते से गुजरेंगे और दुर्घटना में मारे जाएंगे। उन्होंने कहा था कि वह घर आने के लिए कभी उस रास्ते का इस्तेमाल नहीं करते थे, लेकिन उनके परिवार ने यह जांचने के लिए डीएनए सैंपल जमा किए कि क्या वह जमीन पर मारे गए लोगों में से एक थे।