दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अपने पहले एक आदेश को वापस ले लिया है। जिसमें कोर्ट ने 29 हफ्ते की गर्भवती महिला को गर्भपात की इजाजत देने का आदेश दिया था। केंद्र सरकार की ओर से हाईकोर्ट में अर्जी दी गई थी। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि आदेश वापस लिया जाता है। केंद्र की ओर से एक याचिका दायर करने के बाद आया है। जिसमें बीती चार जनवरी के आदेश को वापस लेने की मांग की गई है। गर्भावस्था को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की अनुमति दी गई थी। केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि गर्भावस्था का समापन तब तक नहीं हो सकता है। जब तक कि डॉक्टर भ्रूणहत्या न कर दें। ऐसा न करने पर बड़ी जटिलताओं के साथ समय से पहले प्रसव होगा।
Check Also
एयरपोर्ट अथॉरिटी कार निकोबार और कैंपबेल बे हवाई अड्डों का संचालन करेगी, अंडमान प्रशासन के साथ किया समझौता
नई दिल्ली: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने कार निकोबार और कैंपबेल बे हवाई अड्डों के संचालन …