90 के दशक में हुए इसरो जासूसी कांड को लेकर सीबीआई ने बड़ा दावा किया है। केरल हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा है कि इसरो जासूसी कांड, अंतरराष्ट्रीय साजिश थी क्योंकि वैज्ञानिक जानकारी लीक होने की बात मनगढ़ंत थी।
केरल हाईकोर्ट में इसरो जासूसी कांड में साजिश रचने के आरोपियों की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इसी दौरान सीबीआई ने आरोपियों की जमानत का विरोध करते हुए उक्त दावा किया।
जासूसी कांड के समय नंबी नारायण इसरो में लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन वैज्ञानिक थे और उन्हें जासूसी कांड में फंसाया गया था। हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा कि नंबी नारायण की गिरफ्तारी संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा थी।
एक मालदीव की नागरिक रशीदा के द्वारा पाकिस्तान को बेची थी। इस मामले में केरल पुलिस ने नंबी नारायण के साथ ही इसरो के तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर डी शशिकुमारन और रशीदा की मालदीव की दोस्त फौजिया हसन को गिरफ्तार किया था।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने साल 1998 में नंबी नारायण को जेल से रिहा करने का आदेश दिया था। जिसमें उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी खूफिया एजेंसी सीआईए ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को रोकने के लिए साजिश रची थी, जिसमें उन्हें फंसाया गया।