हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद पोर्ट से लेकर सीमेंट तक के कारोबार में मौजूद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई। हिंडेनबर्ग ने कहा था कि वह यूएस ट्रेडिड बॉन्ड्स और नॉन इंडियन ट्रेडिड डेरिवेटिव्स के जरिये अडानी समूह के शेयरों को शॉर्ट कर रही है।
इसके बाद दो सत्रों में ही समूह का मार्केट कैप 50 अरब डॉलर कम हो गया है और खुद अडानी को 20 अरब डॉलर का झटका लगा है। ब्लूमबर्ग बिलेनायर इंडेक्स के मुताबिक, उनकी दौलत लगभग 20 फीसदी कम हो गई।
एक तरफ गौतम अडानी को इस साल दुनिया के सबसे बड़े रईस बनने की उम्मीद थी और अब उन्हें शीर्ष-10 की सूची बने रहना ही भारी पड़ रहा है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट के बाद अडानी शीर्ष-10 अरबपतियों की सूची में चौथे नंबर से सातवें पर आ गए। इस सूची में सातवें स्थान पर मौजूद अडानी शीर्ष अमीरों की सूची से बाहर भी हो सकते हैं।
बता दें अमेरिकी फाइनेंशियल रिसर्च फर्म ने अडानी एंटरप्राइजेस का एफपीओ खुलने से ठीक पहले एक रिपोर्ट के जरिये अडानी समूह पर ‘खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी करने और अकाउंटिंग फ्रॉड’ में शामिल होने का आरोप लगाया था।