Monday, December 11, 2023 at 12:11 PM

पौष्टिक होने के साथ-साथ पाचन-तंत्र को भी ठीक करता है ये भोजन

आयुर्वेद में दूध की काफी महत्ता है। प्राचीन काल से दूध अपने आप में पूर्ण पोषक तत्व में आता है। यानि कि इसे हल्दी के साथ लिया जाता है और अलग-अलग चीजों के साथ मिलाकर भी पिया जाता है।

 

दूध में प्रोटीन ही नहीं, बल्कि विटामिन A, B1, B2, B12 और D, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व हैं। शाकाहारी लोगों के लिए दूध प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत है। आयुर्वेद में भी दूध का बहुत महत्व है, यह पौष्टिक होने के साथ-साथ पाचन-तंत्र को भी ठीक करता है।

यह तो आप में से ज्यादातर लोग जानते होंगे कि दूध और मछली कभी भी साथ में या एकदम आगे-पीछे नहीं लेना चाहिए. चूंकि दूध की तासीर ठंडी होती है और मछली की तासीर गर्म होती है. इसलिए दूध और दही के साथ मछली न खाने की सलाह दी जाती है.

कभी भी दूध के साथ नींबू, करेला और कटहल एक साथ न खाएं. अगर आपने ऐसा किया तो आपको इंफेक्शन होने की संभावना रहेगी. ऐसा करने पर दाद, खाज, एग्जिमा, खुजली, सोरायसिस आदि होने की संभावना बनी रहती है.

यूं तो दही और दूध का किसी तरह का कोई मेल नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ लोग दूध और दही का शर्बत या शिकंजी बनाकर पीते हैं. इसके अलावा कुछ लोग दूध और दही को मिलाकर चिवड़ा भी खाते हैं. इस तरह से दूध और दही को एक साथ सेवन करने पर आपके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है.

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