मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक शनिवार को दोपहर शुरू हुई। मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच पिछले महीने तीन मई को भड़की हिंसा में अब तक लगभग 120 लोगों की मौत हो चुकी है और तीन हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं।
बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने मांग की है कि अगले एक सप्ताह में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजा जाए। टीएमसी ने बैठक में दावा किया कि केंद्र सरकार की ओर से अब तक का संदेश अनदेखी का ही रहा है।
रमेश ने ट्विटर पर कहा, ”वास्तव में इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री को करनी चाहिए थी, जो इतने समय तक चुप रहे। इसे राष्ट्रीय वेदना के प्रदर्शन के तौर पर इंफाल में आयोजित किया जाना चाहिए था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मणिपुर के लोगों को बुरी तरह से निराश किया है।”
उन्होंने कहा, ”मणिपुर को 2002 से 2017 के बीच तीन बार मुख्यमंत्री के रूप में शांति और विकास के पथ पर ले जाने वाले ओकराम इबोबी सिंह जी गृह मंत्री की बैठक में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करेंगे।