प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे व विधायक अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी आपराधिक इतिहास व विवेचना के जारी रहने के आधार पर खारिज कर दी है। हालांकि, कोर्ट ने तीन माह बाद नई जमानत अर्जी दाखिल करने की स्वतंत्रता भी दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल की अदालत ने दिया है। मामला चित्रकूट के कर्वी थाना क्षेत्र का है। 31 अगस्त 2024 को गैंगस्टर एक्ट में अब्बास अंसारी व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। इससे पहले उसके खिलाफ चित्रकूट जेल में बंद रहने के दौरान अवैध तरीके से मुलाकात व जेल कर्मियों को धमकाने के मामले में भी एफआईआर दर्ज हुई थी। इस मामले में अब्बास को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। जबकि, सुप्रीम कोर्ट ने 18 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट को गैंगस्टर मामले में लंबित जमानत अर्जी चार हफ्ते में निस्तारित करने का निर्देश दिया था।
अब्बास के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने दलील दी कि जिस आपराधिक मामले के आधार पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ है, उसमें अब्बास को जमानत मिल चुकी है। लिहाजा, इस मामले में भी अब्बास जमानत का हकदार है। वहीं, विरोध कर रहे अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड ने अब्बास के खिलाफ 11 आपराधिक इतिहास का हवाला दिया। कहा कि वह गैंग लीडर है। गैंगस्टर मामले में विवेचना जारी है। कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।