2025 में भारत की लगभग 64.3 प्रतिशत आबादी अब सामाजिक संरक्षण प्रणाली के अंतर्गत आ चुकी है। यह आंकड़ा 2016 में मात्र 22 प्रतिशत था, जिससे साफ है कि इस अवधि में सामाजिक सुरक्षा कवरेज में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। नवीनतम सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (एनआईएफ) प्रगति रिपोर्ट, 2025 में यह दावा किया गया है।

गरीब आबादी अनुपात घटकर 15 प्रतिशत हुआ
रिपोर्ट के अनुसार बहुआयामी गरीब आबादी का अनुपात 2015-16 में 24.9 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 15 प्रतिशत हो गया है। मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि यह उपलब्धि समावेशी विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर पेयजल के स्रोत में हुई वृद्धि
बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच में सुधार के लिए सरकार की पहल का असर हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर पेयजल स्रोत का उपयोग करने वाली आबादी के प्रतिशत में वृद्धि दर्ज हुई है। यह 2015-16 में 94.6% से बढ़कर 2024-25 में 99.6% हो गई है।

विद्युतीकरण और खुले में शौच मुक्त होने का लक्ष्य
इसमें कहा गया कि देशभर में विद्युतीकरण को 2021-22 तक पूरा किए जाने की उम्मीद थी। इसके अलावा देश के खुले में शौच मुक्त होने का लक्ष्य 2024-25 तक के लिए तय किया गया था।

सरकार के प्रयासों का असर होने का दावा
रिपोर्ट में बताया गया कि किफायती आवास, श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, वित्तीय समावेशन, बुनियादी सुविधाओं तक सबकि पहुंच और उच्च गुणवत्ता वली किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के सरकार के प्रयास समग्र कल्याण और जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक हैं।

मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट की बात करें तो भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अपनी विकास गति को बनाए रखा। इसे मजबूत घरेलू मांग, लचीली व्यावसायिक और सेवा गतिविधि और दक्षिण-पश्चिम मानसून की अनुकूल शुरुआत का समर्थन प्राप्त हुआ।

उच्च-आवृत्ति संकेतकों में मजबूती की उम्मीद
उच्च-आवृत्ति संकेतकों ने व्यापक आधार पर मजबूती दिखाई और साल-दर-साल मजबूत वृद्धि दर्ज की। समीक्षा रिपोर्ट के के अनुसार, जहां विनिर्माण और निर्माण क्षेत्रों का विस्तार जारी रहा, वहीं सेवा क्षेत्र ने 2025-26 की पहली तिमाही में समग्र आर्थिक विकास को गति दी।