बंगलूरू: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारत हमेशा मजबूत स्थिति के साथ बातचीत करता है और किसी भी तरह की समय सीमा के दबाव में नहीं रहता है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस ने ऐसे समझौतों पर बातचीत की और उन्हें मंजूरी दी जो देश के हित में नहीं थे।
बातचीत करते समय देशहित सबसे ऊपर: गोयल
गोयल की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि भारत अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते को तभी मानेगा, जब वह पूरी तरह से तय हो जाए कि वह देशहित में है। उन्होंने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारत किसी समयसीमा के तहत बातचीत नहीं करता। हम बातचीत करते समय देशहित को ध्यान में रखते हैं और हमारे लिए देशहित सबसे ऊपर होता है।
भारत ने कई देशों के साथ एफटीए पर किए हस्ताक्षर
उन्होंने यह भी कहा कि (केंद्र की नरेंद्र) मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत ने मॉरिशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ऑस्ट्रेलिया और चार देशों के ईएफटीए समूह (स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन) और हाल ही में ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं।
‘दुनिया के किसी भी देश से प्रतिस्पर्धा कर सकता है भारत’
गोयल के मुताबिक, भारत अब भी अन्य विकसित देशों के साथ बातचीत कर रहा है, जिनमें 27 देशों वाला यूरोपीय संघ, अमेरिका, ओमान, पेरू और चिली शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत आत्मविश्वास के साथ बातचीत करता है। हम आत्मनिर्भर हैं और दुनिया के किसी भी देश से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। यह वह कमजोर भारत नहीं है, जो कांग्रेस और यूपीए के समय था, जब देशहित को नजरअंदाज कर समझौते किए जाते थे।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने पीयूष गोयल के उस बयान के बाद प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया था कि भारत किसी समयसीमा के दबाव में आकर कोई समझौता नहीं करेगा। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर चुप हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम कराने में भूमिका निभाई थी, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था। खबरों के मुताबिक, ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए नौ जुलाई की समय सीमा तय की थी।