ब्रिसबेन के गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर. अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ ऋषभ पंत और वॉशिंगटन सुंदर. लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह.
ये कुछ ऐसी साझेदारियां हैं, जिन्होंने पिछले दो सालों में भारत को अलग-अलग टेस्ट मैचों में मुश्किल हालात से बचाया. कुछ वैसे ही, जैसे ओवल मे अजिंक्य रहाणे और शार्दुल ठाकुर ने बचाया और पिछले दो साल की यही कहानी है.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ओवल में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारतीय टीम के शीर्ष बल्लेबाज पहली पारी में फ्लॉप रहे. सिर्फ 71 रन तक रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली आउट हो गए थे. 152 रन तक रवींद्र जडेजा और केएस भरत भी लौट गए थे. यानी 6 विकेट आउट.
इसके बावजूद भारत ने पहली पारी में 296 रन बनाए, जिसकी वजह अजिंक्य रहाणे और शार्दुल ठाकुर के बीच 109 रनों की साझेदारी थी. इतना ही नहीं, रहाणे के आउट होने के बाद भी भारत ने 35 रन और जोड़े. यानी कुल मिलाकर आखिरी 4 विकेटों ने 134 रन भारत के लिए बटोरे और टीम को मुकाबले लायक स्थिति में रखा.