भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए उन्हें धतूरा चढ़ाया जाता है. भोलेनाथ को धतूरा बहुत पसंद है. शरीर पर भस्म रमाने वाले बैरागी भोले बाबा को धतूरा चढ़ाने से दुखों से छुटकारा मिल जाता है. क्या आप जानते हैं कि शिवजी की ये प्रिय चीज सिर्फ भगवान शिव को खुश कर अपनी किस्मत चमकाने में नहीं हैं, बल्कि बामारियों में धतूरा का इस्तेमाल किया जाता है.
पुरुषों के लिए धतूरे का सेवन करना किसी वरदान से कम नहीं है. इससे उनकी शारीरिक क्षमता (Physical Power) बढ़ती है. इसके सेवन के लिए लौंग और धूतरे के बीज को बराबर मात्रा में पीस लें.
धतूरे का इस्तेमाल जोड़ों के दर्द में किया जा सकता है. साथ ही पैरों में सूजन या भारीपन के लिए भी धतूरे का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए धतूरे की पत्तियों को पीसकर लेप लगाना होगा.
इसस तत्काल आराम मिलेगा, क्योंकि गर्म तासीर होने के कारण मांसपेशियों की प्राकृतिक सिकाई होती है और मांसपेशियां नरम पड़ जाती हैं. इससे आराम मिलता है.
गंजेपन से परेशान लोग इसके रस को प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं. इसके रस में ऐसे विशेष गुण होते हैं, जो सीबम को स्वस्थ करते हैं और गंजेपन की समस्या को काफी हद तक रोकते हैं.