बॉलीवुड इंडस्ट्री में काफी समय से नेपोटिज्म का दौर चलता रहा है.इस दौर में कई सारे स्टार्स ऐसे हैं जिन्होंने अपने आप को साबित किया और अपने टैलेंट के दम पर नेपोटिज्म का टैग हटा दिया. लेकिन कुछ स्टार ताउम्र इस टैग के आगे-पीछे घूमते नजर आए.
अपने अब तक के करियर में कई किस्म के रोल्स तो किए हैं लेकिन बार बार उन्हें परिवारवाद के नाम पर ट्रोल का सामना करना पड़ता रहा है.वरुण धवन इन बातों पर ज्यादा रिएक्ट नहीं करते.वरुण एक बच्चे के रूप में शरारती थे और उन्होंने अपने माता-पिता को उनका पालन-पोषण करने में कठिन समय दिया।
डेविड धवन के बेटे होने के बावजूद, उन्होंने अपनी योग्यता के दम पर बॉलीवुड में अपनी पहली फिल्म, स्टूडेंट ऑफ द ईयर हासिल की। डेविड ने कहा, “मैं चाहता था कि वह वहां जाए और अपने बारे में पता लगाए।”
वरुण गोविंदा के बड़े प्रशंसक हैं और उनकी फिल्मों पर उनकी प्रतिक्रिया उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।वरुण धवन के पिता और महान फिल्म निर्देशक डेविड धवन ने चाहा कि वरुण अपने दम पर खड़े हों. यही वजह रही कि वरुण धवन ने अपने करियर की शुरुआत में ऑड जॉब्स की. इसी के साथ उन्होंने अपने एक्टिंग के पैशन को भी जिंदा रखा.