अर्जुन के पेड़ के तने की बाहरी परत को ही अर्जुन की छाल कहा जाता है। अर्जुन के पेड़ का वैज्ञानिक नाम टर्मिनेलिया अर्जुना है इस पेड़ के तने का इस्तेमाल आयुर्वेद औषधि की तरह होता है। सेवन से ब्लॉकेज, स्ट्रोक का रिस्क कम होता है और यह एंजाइना में भी फायदेमंद है।
अर्जुन की छाल में ट्राइटरपेनॉइड नाम के आगे केमिकल होता है इस केमिकल के कारण ही अर्जुन छाल हार्ट प्रॉब्लम्स को दूर रखने में कारगर साबित हो सकती है। यह हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल के साथ ही हार्ट अटेक के कारण होने वाले सीने के दर्द में भी राहत दिलाने का काम कर सकती है।
यूटीआई की प्रॉब्लम है तो अर्जुन की छाल का सेवन फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार अर्जुन छाल में एंटीबैक्टीरियल अभाव पाया जाता है इस गुण के कारण अर्जुन की छाल यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण पैदा करने वाले सक्षम बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करती है।
अर्जुन की छाल में मौजूद ट्राइटरपेनॉइड में एंटी हाइपरटेंसिव गुण मौजूद होता है यह बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए भी अर्जुन की छाल काफी मददगार साबित हो सकती है। पेट से संबंधित अल्सर के लिए अर्जुन की छाल फायदेमंद है।