बच्चों को पालते समय हर इंसान यही चाहता है कि उनको अधिक से अधिक सुख सुविधाएं दी जाएं और उन पर जिम्मेदारियां कम डाली जाएं पर जिम्मेदारियों से बच्चों को दूर रखना कतई उचित नहीं है. बच्चे अगर अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं .
बच्चों की उम्र के अनुसार उनसे थोड़े थोड़े कार्य कराते रहना चाहिए, जिससे कि वे थोड़े जिम्मेदार हों अन्यथा काम सामने पड़े हों पर उनकी समझ में नहीं आता कि वह भी कुछ कर सकते हैं.
मां बाप को अपनी समस्याओं को भी बच्चों को बताना चाहिए. ऐसी समस्या नहीं बताएं जिससे उनके बाल मन पर बुरा असर पड़े परंतु छोटी-मोटी समस्याएं जिनमें कुछ सहयोग कर दे मदद कर सकते हों, वह जरूर बतानी चाहिए.
लेकिन छोटी-मोटी जिम्मेदारी बच्चे के लिए भी निर्धारित करें ताकि बच्चा उसे अपना जरूरी काम समझकर पूरा करे. ये बात सुनिश्चित करें कि बच्चे को ऐसी जिम्मेदारी ही सौंपे, जो उनके लिए करना मुमकिन हो.
भरोसा करना बहुत बड़ी चीज है लेकिन ये बिल्कुल भी आसान नहीं है. लेकिन बच्चे को सही-गलत फैसले का एहसास कराने के लिए उसपर भरोसा करें। अगर किशोर कहे कि वो आपके 5 साल के बच्चे की देखभाल कर सकते हैं.