Friday, October 25, 2024 at 8:07 PM

रात को उठ-उठकर रोना बच्चों के लिए हो सकता हैं नुकसानदायक

 जन्म के बाद से अगले एक साल तक बच्चे रात में बहुत परेशान करते हैं. कुछ ही मां ऐसी होती हैं जिनके बच्चे रात में सोते रहते हैं वरना रात को उठ-उठकर रोना बच्चों की एक कॉमन प्रॉब्लम है. जो ज्यादातर बच्चों के लिए कॉमन होते हैं. आइए जानते हैं कारण और निवारण.

कई बच्चों के 6 से 8 महीने के होने पर ही दांत निकलने लगते हैं. बच्चे ऐसे में भी बहुत चिड़चिड़ाते हैं और बिलकुल नहीं सोते. इसे पहचानने का सबसे अच्छा तरीका है कि अगर वे बार-बार अपना हाथ या कोई भी सामान मुंह में डालें तो समझ जाइए उन्हें इरिटेशन हो रहा है.

कई बार रात में वे कंजेशन, फीवर या पेट दर्द से भी उठते हैं. बीमार होने पर वे ठीक से सो नहीं पाते और अगर रो रहे हैं लेकिन फीड नहीं ले रहे तो अक्सर ये बीमार होने का संकेत ही होता है.

बच्चे रात को क्यों रोएंगे ये सटीक तरह से नहीं बताया जा सकता पर उन्हें सुलाने से पहले जो और जितनी तैयारी आप कर सकते हैं, वो कर लीजिए. उसे फीड देने के बाद डकार दिलाएं और कपड़े बदलकर ढीले आरामदायक कपड़ों में सुलाएं.

Check Also

19 वर्षीय बॉडीबिल्डर की हार्ट अटैक से मौत, आप भी जाते हैं जिम तो भूलकर भी न करें ये गलतियां

हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामले वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ते हुए देखे …