भारत और जर्मनी के बीच नेचुरल एलएनजी गैस को लेकर बढ़ा झगड़ा अब दोनों देशों के बीच के डिप्लोमेटिक तनाव में बदल गया है और जल्द ही इसका गंभीर असर दिखने की आशंका जताई जा रही है।
पहले से ही भारी ऊर्जा संकट से जूझ रहे यूरोप की वजह से पूरी दुनिया के विकास पर भी असर पड़ रहा है। दोनों देशों के बीच चल रहे इस झगड़े से परिचित अधिकारियों के मुताबिक, इस तनाव का आगाज उस वक्त हुआ, जब जर्मनी ने नेचुरल लिक्विड गैस की आपूर्ति भारत को कम कर दी और फिर भारत की तरफ से सख्त उत्तर दिया गया।
जर्मनी की सिक्योरिंग एनर्जी फॉर यूरोप GmbH भारतीय कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड को गैस की आपूर्ति करता है, लेकिन इस साल मई महीने के बाद से ही गैस की आपूर्ति में कमी आने लगी। जर्मनी का कहना है, कि रूस पर लगाए गये प्रतिबंधों की वजह से जर्मनी की गैस कंपनी के लिए रूस से गैस कार्गो प्राप्त करना असंभव हो गया है।