ज्ञानवापी केस में वाराणसी की अदालत में होने वाली सुनवाई टल गई। कोर्ट इस मुद्दे पर अपना अहम फैसला सुनाने जा रही थी कि हिंदू पक्ष को मस्जिद में मिली शिवलिंग नुमा आकृति की पूजा की अनुमति मिलेगी.
स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की प्रार्थना तत्काल शुरू करने, पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपने और ज्ञानवापी परिसर के अंदर मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति शामिल है।अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) जो मस्जिद का मैनेजमेंट देखती है, ने विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) के उस मुकदमे को चुनौती दी.
अब अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी। इससे पहले वाराणसी की अदालत ने कथित ‘शिवलिंग’ की ‘वैज्ञानिक जांच’ की अनुमति देने सेइनकार कर दिया था। इसके बाद हिंदू पक्ष ने उस ढांचे की कार्बन डेटिंग की मांग की थी, जिसके बारे में दावा है कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाना के अंदर पाया गया शिवलिंग है।
हिंदू पक्ष द्वारा शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग को कोर्ट द्वारा खारिज किया जा चुका है। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन ने तब कहा था कि कोर्ट ने कार्बन डेटिंग की मांग को खारिज कर दिया है। लेकिन हाईकोर्ट जाने का विकल्प उपलब्ध है और हिंदू पक्ष उच्च न्यायालय के समक्ष भी बात रखेगा।