मेरठ में हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। गंगानगर और जयभीम नगर में पीएम-10 एवं पीएम-2.5 का स्तर अधिकतम सीमा 500 तक पहुंच गया था। जयभीम नगर में रात नौ बजे औसत एक्यूआई 422 रिकॉर्ड हुआ जो इस सीजन में प्रदूषण का सर्वाधिक स्तर है।
शहर के तीनों प्रदूषण निगरानी केंद्रों पर डाटा रिकॉर्डिंग में गड़बड़ी दर्ज हो रही है। शुक्रवार की सुबह भी यूपी के कई प्रमुख शहरों में प्रदूषण की इस खतरनाक स्थिति को दर्ज किया गया। सुबह आठ बजे गाजियाबाद के लोनी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 409 दर्ज किया जो खतरनाक श्रेणी में आता है।
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थर्ड में एक्यूआई 458 तो कानपुर के नेहरू नगर में 437 पाया गया। आगरा के सेक्टर 38 आवास विकास कॉलोनी क्षेत्र में एकयूआई 309 दर्ज किया गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। लखनऊ के लालबाग में 365 एक्यूआई दर्ज किया गया। नोएडा के सेक्टर 62 में 471 एक्यूआई पाया गया।
दिल्ली से सटे यूपी के कई जिलों में हवा इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि सांस लेना मुश्किल है। मेरठ में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। वहीं नोएडा में कक्षा आठ तक की पढ़ाई ऑनलाइन होगी।
प्रदूषण को देखते हुए नोएडा के जिलाधिकारी ने कक्षा एक से आठ तक के सभी बोर्ड के स्कूलों में आठ नवंबर तक ऑनलाइन पढ़ाई कराने का आदेश जारी किया है। वहीं, कक्षा नौ से 12वीं तक की पढ़ाई स्कूल में या ऑनलाइन कराई जा सकती है। इसके साथ ही स्कूलों में होने वाली सभी गतिविधियों को पूर्ण तरीके से रोक दिया गया है।