आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को EWS कोटे से मिलने वाले आरक्षण को लेकर 13 सितंबर को सुनवाई होने वाली है।अटॉर्नी जरनल केके वेणुगोपाल ने तीन मुद्दे सुझाए हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में विचार किया जाएगा।
प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 13 सितंबर से सुनवाई की बात तब कही जब पीठ को बताया गया कि पक्षकारों के वकीलों को जिरह में करीब 18 घंटे का वक्त लगेगा।
केके वेणुगोपाल ने जो मुद्दे सुझाए हैं, उनमें से पहला यह है कि 103वां संशोधन जो इसके लिए किया गया है, उससे क्या संविधान के मूलभूत ढांचे का उल्लंघन होता है। खासतौर पर राज्यों को आरक्षण के लिए विशेष प्रावधान के तहत अनुमति देने पर भी विचार किया जाएगा।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग/EWS के उम्मीदवारों को दाखिले तथा नौकरी में दस प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 13 सितंबर, 2022 से सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि केन्द्र सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता के संबंध में दाखिल याचिकाओं पर 13 सितंबर से सुनवाई शुरू की जाएगी।
बता दें कि ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए 103वें संविधान संशोधन के तहत सरकार को यह अधिकार दिया गया था कि वे आर्थिक आधार पर उच्च शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था कर सके।