ख़ुद से प्यार करना, खुद को प्रेरित और उत्साहित करने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है. हर व्यक्ति को लगता है कि वह स्वयं से प्यार करता है, परन्तु हकीकत में इंसान अपनी इच्छाओं का दास होता है. जिसकी वजह से क्षणिक आनन्द के लिए ज्यादातर कार्य करता है. क्षणिक आनन्द ही दुःख का कारण होता है.
जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो वह अनेकों संघर्ष करके इस पृथ्वी पर आता है. लेकिन जब हम धीरे-धीरे बड़े होने लगते है तो ऐसे बहुत से क्षण जीवन में आते है. जब हम निराश हो जाते है. खुद में कमी ढूढ़ने लगते है. लड़ने से पहले ही हार मानने लगते है. मन में नकारात्मक विचार आने लगते है. इसका मुख्य कारण बाहर की दुनिया का हमारी अंदर की दुनिया पर ज्यादा प्रभाव पड़ना.
तुलना ना करें
लाइफ में खुश और पॉजिटिव रहने के लिए सबसे जरूरी है कि कभी भी अपनी तुलना किसी और से ना करें. हर किसी का जीवन अलग है और अलग वैल्यूज हैं. ऐसे में किसी भी तरह की तुलना गलत होगी.
खुद का ख्याल रखें
आपका अगर सबसे अच्छा कोई साथी है तो वो है आपका बॉडी और माइंड. इसका विशेष केयर करें और हेल्दी रहें.
खुद को दें ट्रीट
अगर आपने कुछ अच्छा किया तो खुद को ट्रीट देना ना भूलें. ऐसा करने से आप खुश रहना सीखेंगे. छोटी छोटी अचीवमेंट पर भी खुद को ट्रीट दें.
स्वीकारें कि हर कोई आपको पसंद नहीं कर सकता
आपको इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि आप हर किसी को खुश नहीं रख सकते. अगर आप ये सोचते हैं कि आपको सभी को खुश रखना है तो ये असंभव है. यकीन मानिए, इस चक्कर में आपकी अपनी खुशी गायब हो जाएगी.