यूक्रेन में रूस के ड्रोन, मिसाइल और तोपखाने से हुए हमलों में कम से कम 13 नागरिकों की मौत हो गई और लगभग 100 लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी यूक्रेनी अधिकारियों ने मंगलवार को दी। इन हमलों के बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से और सैन्य मदद की मांग की है। वह मंगलवार को नीदरलैंड्स के हेग शहर में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे नेताओं से मिलेंगे। उनका मकसद यूक्रेन की सुरक्षा के लिए भविष्य की सहायता सुनिश्चित करना है।
दिन में हुआ बड़ा हमला
मंगलवार दोपहर रूस ने यूक्रेन के ड्निप्रो शहर पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया। जिसमें सात नागरिकों की मौत हुई और 70 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं पास के समर शहर में भी हमला हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हुई और नौ लोग घायल हुए। ड्निप्रो के मेयर बोरिस फिलाटोव ने बताया कि इस हमले में 19 स्कूल, 10 किंडरगार्टन, एक संगीत विद्यालय, एक सामाजिक सेवा कार्यालय और आठ मेडिकल सेंटर क्षतिग्रस्त हो गए।
खेरसॉन और सूमी क्षेत्र भी निशाने पर
वहीं दक्षिणी खेरसॉन इलाके में चार नागरिक मारे गए और 11 घायल हुए। जबकि उत्तर-पूर्वी सूमी क्षेत्र में ड्रोन हमले में एक बच्चे समेत तीन नागरिक मारे गए। जबकि घायलों में दो 17 साल की लड़कियां और एक 12 साल का लड़का भी शामिल हैं।
रूस का दावा- 20 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए
रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उन्होंने रातभर में 20 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए, जिनमें से 14 ड्रोन कुरस्क इलाके में और दो ड्रोन मॉस्को क्षेत्र में थे। एक ड्रोन मॉस्को के एक टावर ब्लॉक से टकराया, जिससे 17वीं मंजिल पर आग लग गई। इस दौरान एक 34 वर्षीय व्यक्ति को हाथ और पैर में छर्रे लगे। दो अन्य ड्रोन मॉस्को पहुंचने से पहले ही गिरा दिए गए। इन खतरों के चलते मॉस्को के दो बड़े एयरपोर्ट- वनुकोवो और शेरेमेतेवो- पर हवाई यातायात को कुछ समय के लिए रोका गया।
अमेरिका की भूमिका पर सवाल
राष्ट्रपति जेलेंस्की की चिंता इस बात को लेकर भी है कि बाइडन प्रशासन की तरफ से दी गई सैन्य सहायता जल्द ही खत्म हो सकती है, और यह स्पष्ट नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका मदद देगा या नहीं।