भू-धंसाव के चलते असुरक्षित भवनों को ध्वस्त करने के बाद निकला मलबा जोशीमठ शहर से करीब दो किलोमीटर दूर सलूड़ और सेलंग नामक स्थान पर डंप किया जा रहा है। ये डंपिंग जोन सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से बदरीनाथ हाईवे पर चयनित किए गए हैं।
माउंट व्यू और मलारी इन होटल से निकल रहे सरिया, लोहे के एंगल के साथ ही खिड़की, दरवाजे, शीशे आदि सामान को भवन स्वामी की ओर से ही सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि दरारों से प्रभावित जोशीमठ में स्थिति काफी नाजुक है लेकिन नृसिंह मंदिर सुरक्षित है। इसलिए, भगवान बदरीनाथ का खजाना अन्यत्र शिफ्ट करने की अभी कोई योजना नहीं है।
बीकेटीसी के अध्यक्ष ने कहा कि अगर, जोशीमठ की स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर हुई तभी खजाना को अन्यत्र शिफ्ट किया जाएगा। खजाना को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने को लेकर समिति को पांडुकेश्वर से भी प्रस्ताव मिला है।
होटल व असुरक्षित भवनों के मलबे को बीआरओ के पूर्व में बनाए डंपिंग जोन में निस्तारित किया जा रहा है। होटल व निजी भवन स्वामियों की प्रशासन के साथ हुए समझौते के आधार पर भवनों के भारी सामान को भवन स्वामी ही निजी वाहनों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।