केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए डीए/डीआर की दरों में दो प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है। यह वृद्धि एक जनवरी 2025 से लागू होगी। मौजूदा समय में 53 फीसदी की दर से डीए/डीआर मिल रहा है। पहले, अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) और महंगाई दर के चलते, एक जनवरी से डीए/डीआर में तीन फीसदी वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही थी। डीए की दर 56 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद थी। अब डीए/डीआर की दर में दो फीसदी की वृद्धि की गई है। इसके पीछे की मुख्य वजह, दिसंबर 2024 के लिए ऑल-इंडिया सीपीआई-आईडब्लू में 0.8 अंक की कमी आना रही है। श्रम ब्यूरो द्वारा जारी सूचकांक डेटा 143.7 अकों पर संकलित हुआ है। गत वर्ष दीवाली पर महंगाई भत्ते में 3 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी।

सातवें वेतन आयोग के अनुसार, महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर होती है। जुलाई 2024 से दिसंबर 2024 तक के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों से तय होता है कि जनवरी 2025 में केंद्र सरकार, डीए में कितना इजाफा कर सकती है। जुलाई 2024 से नवंबर 2024 तक का डेटा बता रहा था कि जनवरी 2025 में डीए की दरों में 3 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके बाद दिसंबर के एआईसीपीआई के आंकड़े जारी होने के बाद केंद्रीय कर्मियों के डीए में तीन फीसदी वृद्धि की उम्मीद धूमिल होती नजर आई।

जानकारों का कहना है, अगर दिसंबर में यह आंकड़ा 145 के आस-पास रहता है तो डीए 56 फीसदी पर पहुंच सकता था। नवंबर 2024 के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) 144.5 अंकों के स्तर पर स्थिर रहा है। नवंबर 2024 के लिए मुद्रास्फीति दर नवंबर 2023 के 4.98 प्रतिशत की तुलना में 3.88 प्रतिशत रही है। श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन देश परिव्याप्त 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है।