भारत द्वारा गेहूं के निर्यात पर पाबंदी और यूक्रेन युद्ध के चलते दुनियाभर में प्रमुख खाद्यान्न गेहूं के दाम में उछाल आया है।भारत ने भी इसी कारण गेहूं समेत कुछ जरूरी चीजों के निर्यात पर पाबंदियां लगा दी हैं.
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।भारत के इस फैसले का ग्लोबल मार्केट में प्रतिकूल असर पड़ा है. निर्यात पर रोक लगाने के बाद गेहूं की वैश्विक कीमतें तेजी से बढ़ी हैं और रिकॉर्ड हाई लेवल के पास पहुंच गई हैं.जंग के कारण यूक्रेन में गेहूं उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है, इसके चलते दुनियाभर में खाद्य संकट खड़ा हो रहा है।
एफएओ का मूल्य सूचकांक मई में औसतन 157.4 बिंदु पर रहा। यह अप्रैल की तुलना में 0.6 फीसदी नीचे है, लेकिन मई 2021 की तुलना में 22.8 फीसदी उच्च है। एफएओ खाद्यान्न मूल्य सूचकांक विश्वभर में खाद्यान्न के दामों में मासिक उतार-चढ़ाव पर नजर रखता है।
फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ने कहा, ‘लड़ाई के चलते यूक्रेन में गेहूं का उत्पादन कम रहने की आशंका है. इसके साथ ही कई अव्वल निर्यातक देशों में खराब मौसम के चलते उत्पादन प्रभावित होने की आशंका भी है. इन सब के बीच भारत ने निर्यात पर रोक लगाने का ऐलान किया. इन फैक्टर्स से गेहूं की कीमतें लगातार बढ़ी हैं.’