Wednesday, January 15, 2025 at 12:18 AM

‘संस्थान होने का क्या फायदा, अगर काम करने वाले लोग ही नहीं…’, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्यों की ये टिप्पणी

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियों पर नकारात्मक रुख अपनाया और केंद्र को तत्काल पदों को भरने का निर्देश दिया। सीआईसी में सूचना आयुक्तों के शीघ्र चयन के लिए कहते हुए जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने केंद्र से कहा, ‘इन पदों को जल्द से जल्द भरने की जरूरत है, अन्यथा संस्थान होने का क्या फायदा, अगर हमारे पास काम करने वाले लोग ही नहीं हैं?’

पीठ ने की उम्मीदवारों की नियुक्तियों की आलोचना
पीठ ने सीआईसी और एसआईसी में केवल एक विशेष श्रेणी के उम्मीदवारों की नियुक्तियों की आलोचना की और इन आयोगों में नौकरशाहों की मौजूदगी पर न्यायिक टिप्पणी करने पर विचार किया, न कि सभी क्षेत्रों के लोगों की। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘हम इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकते हैं कि पूरे आयोग में केवल एक ही श्रेणी के लोग काम करते हैं। केवल नौकरशाहों की ही नियुक्ति क्यों की जाए और कई क्षेत्रों के लोगों की नियुक्ति क्यों नहीं की जाए। हम इस पर और कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन इस पर विचार किए जाने की आवश्यकता है।’

राज्यों ने चयन प्रक्रिया में देरी की- प्रशांत भूषण
याचिकाकर्ता अंजलि भारद्वाज और अन्य की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि 2019 में शीर्ष अदालत ने सीआईसी और एसआईसी में पदों को भरने के लिए मौलिक निर्देश जारी किए थे, लेकिन राज्यों ने चयन प्रक्रिया में देरी की और सूचना के अधिकार अधिनियम को लगभग समाप्त कर दिया। संबंधित सचिवों को बुलाने या जवाब मांगने का न्यायालय से आग्रह करते हुए भूषण ने कहा कि रिक्तियों के कारण इस मंच का उपयोग करने वाले लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और राज्य सरकारों की तरफ से लोगों को नियुक्त करने में विफलता ने अधिनियम के मूल उद्देश्य को ही विफल कर दिया है।

अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत ने कई क्षेत्रों से लोगों की नियुक्ति के लिए निर्देश जारी किए हैं। पीठ ने केंद्र को ऐसे पदों के लिए अगस्त, 2024 में शुरू हुई चयन प्रक्रिया पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने और इसके पूरा होने की समयसीमा बताने का निर्देश दिया। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के संयुक्त सचिव को हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा गया कि सूचना आयुक्तों के पद के लिए आवेदन करने वाले 161 उम्मीदवारों के नामों पर कब कार्रवाई की जाएगी। पीठ ने केंद्र से दो सप्ताह में पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के नाम और उन्हें शॉर्टलिस्ट करने के मानदंड का खुलासा करने को कहा।

Check Also

एक घंटे पहले तक नई दिल्ली घोषणा-पत्र पर नहीं बन पाई थी सहमति, पीएम मोदी के कहने पर शेरपा ने संभाला मोर्चा

नई दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले ही दिन आम सहमति से पारित हुए नई दिल्ली …