प्रदेश के आधे से ज्यादा बूथों तक पोलिंग पार्टियों को पैदल दूरी नापनी पड़ेगी। इस बार कुल 11,647 बूथों में से केवल 4504 बूथ ही ऐसे हैं, जहां पैदल यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
इसके अलावा 845 बूथों पर एक से दो किलोमीटर, 508 बूथों पर दो से तीन किलोमीटर, 290 बूथों पर तीन से चार किलोमीटर, 195 बूथों पर चार से पांच किलोमीटर, 106 बूथों पर पांच से छह किलोमीटर, 38 बूथों पर छह से सात किलोमीटर, 51 बूथों पर सात से आठ किलोमीटर, 12 बूथों पर आठ से नौ किलोमीटर, 22 बूथों पर नौ से 10 किलोमीटर, आठ बूथों पर 10 से 11 किलोमीटर, पांच बूथों पर 11 से 12 किलोमीटर, तीन बूथों पर 12 से 13 किलोमीटर, तीन बूथों पर 13 से 14 किलोमीटर, पांच बूथों पर 14 से 15 किलोमीटर और नौ बूथों पर 15 से 20 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ेगी।
सर्दियों में पहाड़ के कई इलाकों से लोग पलायन कर जाते हैं। इन लोगों के लिए 24 बूथ पलायन वाली जगहों पर बनाए गए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या के मुताबिक, इनमें माइग्रेट बूथों में उत्तरकाशी का एक, चमोली के नौ और पिथौरागढ़ के 14 बूथ शामिल हैं। आपको बता दें कि इस बार 59 सहायक बूथ भी बनाए गए हैं ताकि चुनाव आयोग के एक बूथ पर निर्धारित संख्या के तहत मतदान कराया जा सके।