उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड में धर्मांतरण को अब संज्ञेय अपराध घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक लाने के साथ ही कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।
सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट में 26 प्रस्ताव लाए गए, जिनमें से 25 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सरकार ने मार्च, 2018 में त्रिवेंद्र रावत सरकार के धर्मांतरण एक्ट में संशोधन करते हुए और कड़ा कर दिया है।
एकल धर्मांतरण में अब दो से सात साल जबकि सामूहिक धर्मांतरण पर तीन से 10 साल की सजा होगी। यूपी में एकल धर्मांतरण पर पांच साल तक की सजा है। इसी तरह जुर्माना की राशि अब क्रमश: 25 हजार और 50 हजार किया है।
केदारनाथ धाम में बन रहे एराइव प्लाजा में ओम की मूर्ति स्थापित की जाएगी। न्यूनतम रेट दाखिल करने वाली फार्म को काम आवंटित करने को मंजूरी दे दी है। 5850 किलोग्राम वजन की इस मूर्ति को कॉपर, जिंक और न्य मिश्रित धातुओं से तैयार कराया जाएगा।