उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या में लगी राम मंदिर की होर्डिंग ने सियासत में भूचाल ला दिया है। भाजपा सरकार की ओर से लगे बैनर में लिखा है कि फर्क साफ तब रामलला थे टेंट में, अब हो रहा भव्य मंदिर का निर्माण।
इसमें एक तरफ तिरपाल में विराजमान रामलला तो दूसरी तरफ राममंदिर के माडल को दर्शाया गया है। कई जगह लगी इस होर्डिंग अब चर्चा का विषय बन गयी है। इसने पूरे राजनीतिक माहौल को गरम कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी ने जहां इसे अपनी उपलब्धि बताने का प्रयास किया है, तो विपक्षी दल सपा और कांग्रेस इसे लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं। भाजपा इसमें कुछ भी गलत मानने को तैयार नहीं है।
तब के नीचे टेंट में विराजमान रामलला व अब के नीचे निमार्णाधीन राम मंदिर का मॉडल है। इसी तरह होर्डिंग के निचले हिस्से में सोच ईमानदार, काम दमदार और एक बार भाजपा सरकार लिखा हुआ है।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गंगा सिंह यादव का कहना है कि रामलला को टेंट पर पहुंचाने वाले कौने थे, यह सभी जानते हैं। अगर यह लोग 6 दिसम्बर को विवादित ढांचे को न तोड़ते तो शायद यह टेंट पर न आते। यह लोग सुप्रीम कोर्ट के काम को भी अपना बता रहे है। रामंदिर सर्वोच्च न्यायालय के आदेष पर बन रहा है। इसमें भाजपा की कोई उपलब्धि नहीं हैं।