बॉलीवुड में ‘विलेन के शहंशाह’ अमरीश पुरी ने फिल्म इंडस्ट्री में अमिट छाप छोड़ी है। आज उनकी पुण्यतिथि है। 12 जनवरी 2005 को 72 साल की उम्र में उनकी ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई थी।
22 जून 1932 को जन्मे अमरीश पुरी ने 1971 में रेश्मा और शेरा से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अमरीश पुरी ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक किरदार निभाए लेकिन लोकप्रियता उन्हें विलेन बनकर ही मिली।
अमरीश पुरी विलेन की भूमिका इस ढंग से निभाते थे कि एक वक्त ऐसा आया जब हिंदी फिल्मों में ‘बुरे आदमी’ के रूप में लोग उन्हें पहचानने लगे। आलम ये था कि अमरीश पुरी के बच्चों के दोस्त भी उनके घर आने से डरते थे।
अमरीश पुरी की हिंदी सिनेमा में मांग इतनी थी कि एक समय ऐसा आया जब वह हिंदी फिल्मों के सबसे महंगे विलेन बन गए। कहा जाता है कि एक फिल्म के लिए वह एक करोड़ रुपये तक फीस ले लेते थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि अमरीश पुरी ने 40 साल की उम्र में फिल्मों में कदम रखा था।
राम लखन, सौदागर, करण अर्जुन और कोयला जैसी फिल्मों में भी उनकी भूमिकाएं सराही गईं। फिल्म ‘नागिन’ में उन्होंने तांत्रिक का ऐसा किरदार निभाया जिसे आज तक कोई नहीं भूल पाया है।