4 दिसंबर 1981 को दिल्ली के कुतुब मीनार में एक दुखद घटना हुई. मीनार के अंदर घुमने गए 45 लोगों की मौत हो गई, जिसमें ज्यादातर छात्र थे. मीनार के अंदर भगदड़ में इनकी मौत हुई थी. इस घटना के बाद मीनार के अंदर जाना बंद कर दिया गया. अब इस घटना को 40 साल बीत गए है.
पहले 1950 के दशक में भी मीनार के शिखर पर सार्वजनिक लोगों का आना-जाना बंद कर दिया गया था. हालांकि, तब पर्यटकों को पहली बालकनी (करीब 10 मंजिला इमारत के बराबर) तक जाने की अनुमति थी.
मिनार के अंदर हवा और प्रकाश के बड़ी-बड़ी खिड़कियां थीं. लेकिन पर्यटकों ने सीढ़ी की दीवार पर सुरक्षा की मांग रख इन खिड़कियों को बंद करा दिया था.
जब भगदड़ हुई तो दिल्ली अरबिंदों कॉलेज के छात्र अनिल कुमार अंदर मौजूद थे. अनिल के साथ उनके 7 दोस्त भी मीनार के अंदर मौजूद थे. वो टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बताते हैं कि हम सभी अंधेरा होते ही एक साथ नीचे ऊतरने लगे.