पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को उन लोगों के खिलाफ जांच में अब तक ज्यादा कुछ हाथ नहीं लगा है, जिनके नाम पैंडोरा पेपर्स में आए थे। पैंडोरा पेपर्स वॉशिंगटन स्थित इंटरनेशनल कॉन्जर्टियम ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) ने जारी किया था।
इन पेपर्स में लगभग सात सौ पाकिस्तानियों के नाम शामिल किए गए थे। प्रधानमंत्री ने उन लोगों की जांच के लिए एक विशेष आयोग का गठन किया था। उसे प्राइम मिनिस्टर्स इंस्पेक्शन आयोग (पीएमआईसी) के नाम से जाना जाता है.
पाकिस्तान सरकार के सूत्रों के मुताबिक पीएमआईसी ने आईसीआईजे से सभी सात सौत पाकिस्तानियों के बारे में पूरा ब्योरा मांगा था। लेकिन अब तक उसे 240 लोगों के बारे में ही जानकारी दी गई है। पीएमआईसी इन सभी लोगों की जांच कर रही है।
अब तक कोई ठोस सबूत ना जुटा पाने के कारण पीएमआईसी की कई हलकों में आलोचना भी हुई है। प्रधानमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने अखबार द डॉन से बातचीत में इस धारणा को गलत बताया कि पैंडोरा पेपर्स की जांच खत्म हो गई है। ये समयसीमा इस महीने के साथ खत्म होगी।
उनसे से ज्यादातर ने अपने जवाब भेज दिए हैँ। उन जवाबों के आधार पर आयोग इस नतीजे पर पहुंचा है कि जिन लोगों के नाम पैंडोरा पेपर्स में आए, उनमें से सभी मनी लॉन्ड्रिंग या कर चोरी के दोषी नहीं हैं।