जेरेमी कोने ने न्यूजीलैंड के लिए 15 टेस्ट मैचों में कप्तानी की. उसके शतक जमाने के बाद गेंदबाजों के लिए उसे आउट करना मुश्किल हो जाता था. 13 साल के अपने टेस्ट करियर में उसने जब-जब ट्रिपल फीगर में स्कोर किया, कभी आउट नहीं हुआ.
उसके असली कमालों में तो वो घटना दर्ज है, जब उसने 8 घंटे में इंग्लैंड का इरादा तोड़कर अपनी टीम के लिए संकटमोचक का काम किया था. हम बात कर रहे हैं न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान जेरेमी कोने की, जिनके लिए 21 जून की तारीख भी उतनी ही खास है.
अपनी कप्तानी में उन्होंने न्यूजीलैंड को पहली ऐसी टीम बनाया, जिसने एक ही सीजन में ऑस्ट्रेलिया को दो बार टेस्ट सीरीज में धूल चटाई. जो काम वो 1983-84 में इंग्लैंड के खिलाफ खेले वेलिंगटन टेस्ट में कर चुके थे वो बेमिसाल था.
वेलिंगटन टेस्ट की पहली पारी में न्यूजीलैंड के 229 रन पर सिमटने के बाद इंग्लैंड ने 463 रन की बड़ी लीड ले ली. न्यूजीलैंड की दूसरी पारी का आगाज भी डगमगाया ही रहा. कीवी टीम के 4 विकेट 165 रन पर चटक चुके थे. हार दरवाजे पर खड़ी दिख रही थी. और, जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी तभी जेरेमी कोने ने अपने टेस्ट करियर की सबसे बड़ी इनिंग खेली.