Friday, November 22, 2024 at 2:12 PM

राजनीतिक दलों के मुफ्त ‘उपहार’ देने के वादे पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, जनहित याचिका पर सुनवाई को तैयार

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के लिए एक जनहित याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की है। दरअसल, राजनीतिक दलों द्वारा चुनावों के दौरान मुफ्त उपहार का वादा करने की प्रथा के खिलाफ एक जनहित याचिका दी गई है। बता दें, 19 अप्रैल से लोकसभा चुनाव शुरू होने वाले हैं।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने बुधवार को कहा कि यह जरूरी है और हम इस मामले पर कल सुनवाई जारी रखेंगे। जनहित याचिका दायर करने वाले अश्विनी उपाध्याय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया ने दलील दी कि याचिका पर लोकसभा चुनाव से पहले सुनवाई की आवश्यकता है। इस पर शीर्ष अदालत ने संज्ञान लिया।

चुनाव चिह्न जब्त करने व पंजीकरण रद्द करने की मांग
याचिका में राजनीतिक दलों के ऐसे फैसलों को संविधान के अनुच्छेद-14, 162, 266 (3) और 282 का उल्लंघन बताया गया है। याचिका में चुनाव आयोग को ऐसे राजनीतिक दलों का चुनाव चिह्न को जब्त करने और पंजीकरण रद्द करने का निर्देश देने की मांग की-है, जिन्होंने सार्वजनिक धन से तर्कहीन मुफ्त ‘उपहार’ वितरित करने का वादा किया था। याचिका में दावा किया गया है कि राजनीतिक दल गलत लाभ के लिए मनमाने ढंग से या तर्कहीन ‘उपहार’ का वादा करते हैं और मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाते हैं, जो रिश्वत और अनुचित प्रभाव के समान है।

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